अब हमारा देश राफेलधारी बन चुका है. देश की ताकत बढ़ी है, वायुसेना की ताकत बढ़ी है इसमें कहीं कोई किसी संदेह की गुंजाइश नहीं है लेकिन जिस तरह से सोशल मीडिया पर खुशी और जोश का माहौल बना हुआ है वो काफी हैरान कर देने वाला है.
कोई संदेह नहीं कि राफेल काफी उन्नत किस्म का लड़ाकू विमान है, हैमर मिसाइलों से लैस होने के बाद ये और भी अधिक मारक बन जाएगा इसमें भी कहीं कोई संदेह की स्थिति नहीं है लेकिन सवाल फिर वही कि क्या इसमें हमें वाकई बहुत अधिक खुश हो जाना चाहिए?
The Chief of the Air Staff Air Chief Marshal RKS Bhadauria & AOC-in-C WAC Air Marshal B Suresh welcomed the first five IAF Rafales which arrived at AF Stn Ambala today.#IndianAirForce#RafaleInIndia#Rafales pic.twitter.com/xNK97fwynf
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 29, 2020
मैं बार बार इस बात को इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ये विमान फ्रांस में बना है. हैमर तकनीक भी विदेशी है. देश की ताकत बढ़ने पर बेशक खुश होना चाहिए लेकिन अगर ये विमान भारत में बना होता, भारत की तकनीकी से लैस होता तो खुशी इससे चार गुना अधिक होती.
अभी रक्षा क्षेत्र में बहुत गुंजाइशें हैं, बहुत कुछ किया जाना बाकी है. ड्रोन से लेकर AI तक और गाइडेड मिसाइल से लेकर परमाणु बंकरों तक काफी कुछ किया जा सकता है. देश के पास आज मैनपावर है, बेहद शानदार दिमाग हैं और पैसे की भी कोई खास कमी नहीं है.
The five Rafales escorted by 02 SU30 MKIs as they enter the Indian air space.@IAF_MCC pic.twitter.com/djpt16OqVd
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 29, 2020
तो ऐसे में फ्रांस के बने विमान पर इतना खुश होना शायद ठीक नहीं. एक असली भारतीय को असली खुशी तब होगी जब कोई भारतीय ही राफेल से भी बेहतर विमान बनाएगा. एक भारतीय को असली खुशी तब होगी जब हमारी सेनाएं स्वदेशी तकनीक से लैस होंगी और सिपरी की रिपोर्ट में हम खरीदार नहीं बल्कि विक्रेता की भूमिका में होंगे.
यकीनन वो वक्त आएगा जब भारत की बनी मिसाइलें, भारत के बने विमान और भारत की बनी बंदूकें पूरी दुनिया में बेची जा रही होंगी. उस वक्त अमेरिका, चीन और रूस के साथ अगर किसी देश का नाम लिया जा रहा होगा तो वो होगा भारत. लेकिन उसके लिए हमें अभी से कोशिशें करनी होंगी, प्रयास करने होंगे और याद रखना होगा कि हमें विश्वगुरू बनना है, दूसरे देशों के लिए बाजार नहीं बनना.
The Touchdown of Rafale at Ambala. pic.twitter.com/e3OFQa1bZY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020
आज चीन नकली चंद्रमा बना रहा है, समंदर के बीच में द्वीप बना रहा है, चांद के अंधेरे हिस्से में लैंडिग कर पा रहा है और पूरी दुनिया को सामान बेच रहा है. हम क्या कर रहे हैं? हम फोन से लेकर लैपटॉप तक विदेशी इस्तेमाल कर रहे हैं. आज वो वक्त है जब हमें आत्मनिर्भरता के सही अर्थों को पहचानना है.
ये राफेल पर खुश होने का वक्त नहीं है, ये सुखोई देख कर हंसने का वक्त नहीं है, क्योंकि दुश्मन केवल पाकिस्तान नहीं है. ये वक्त तैयारी करने का है, ये वक्त नंबर वन की दौड़ में शामिल होने का है और ये वक्त खर्चे कम करके आमदनी बढाने का है.
The Birds have entered the Indian airspace..Happy Landing in Ambala! @IAF_MCC pic.twitter.com/dh35pMDyYi
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 29, 2020
आप राफेल पर खुश हों जरूर लेकिन कोशिश करें कि अगली बार हमें किसी देश से कोई विमान ना खरीदना पड़े, किसी देश से कोई मिसाइल ना खरीदनी पड़े. और उस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि इसरो में काम के दौरान जब एक पुर्जा वैज्ञानिक को चाहिए था और वो विदेश से आयात किया जाना था. जानकारी मिली की वो पुर्जा भारत की चीजों से ही बनाया गया है तब वैज्ञानिक ने उस पुर्जे को भारत में ही तैयार किया और इसरो को सफलता मिली.
जब जब राफेल की तारीफ होती है तब तब फ्रांस की तारीफ होती है और वहां के लोग खुश होते हैं. सोचिए वो दिन कब आएगा कि भारत का बना विमान फ्रांस खरीदेगा और भारतीय खुश होंगे.