
दुनिया कोरोना वायरस के डर के साए में जी रही है. भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. लोग घरों में हैं और अपने मोबाइल पर कोरोना से जुड़ी जानकारियां हासिल कर रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए उन तक बहुत सारे वीडियो पहुंच रहे हैं. कुछ वीडियो जहां सुकून पहुंचाने वाले हैं तो कुछ ऐसे हैं जो तकलीफ पहुंचा रहे हैं. इन वीडियोज की सच्चाई जाने बिना लोग इन्हें शेयर कर रहे हैं.
एक वीडियो, फोटो या मैसेज आपको सोशल मीडिया के माध्यम से मिला और आपने उसे आगे फॉरवर्ड दिया. आपको बेशक ये छोटी से बात लग सकती है लेकिन सोचिए जरा, कहीं ऐसा तो नहीं कि जो जानकारी आपने फॉरवर्ड की है वो फेक हो? हो सकता है कि आप तक कोई गलत, भ्रामक या झूठा मैसेज पहुंचा हो आर उसकी सच्चाई जाने बिना ही आपने उसे आगे बढ़ा दिया हो.
कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में कई तरह के वीडियो सामने आ रहे हैं. कई वीडियो गांव तक पैदल जाते मजदूरों के हैं, कई वीडियो नमाजियों को पीटती पुलिस के हैं और कई वीडियो लोगों पर डंडे बरसाती पुलिस के हैं. ये वीडियो कहां के हैं शायद आप नहीं जानते हैं. लेकिन जब वीडियो आप तक पहुंचता है तो आप इसको फॉरवर्ड करना अपनी जिम्मेदारी समझ लेते हैं.
हो सकता है कि इनमें से कुछ वीडियो पुराने हों, हो सकता है इनमें से कुछ वीडियो भारत के ना हों, हो सकता है कि वीडियो का एक खास हिस्सा ही आप तक पहुंचा हो. ऐसी स्थिति में फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइटों को देखिए, विश्वसनीय वेबसाइटों, फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनलों को देखिए. अगर वाकई खबर सच है तो पूरी उम्मीद है कि आपको यहां सच्चाई देखने को जरूर मिल जाएगी.
जब कोरोना वायरस की शुरूआत हुई तो बहुत सारे लोग ऐसे भी थे जो इसका इलाज करने का दावा कर रहे थे. इनकी तस्वीरें, नुस्खे खासे वायरल हुए थे लेकिन जब ये बातें पुलिस तक पहुंचीं तो इन सभी का पर्दाफाश हो गया. कुछ को गिरफ्तार भी कर लिया गया. हालांकि ऐसा भी नहीं कि सारे वीडियो झूठे और गलत ही हों. कई बार वायरल वीडियो ही इंसाफ का कारण बनते हैं.
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक पुलिसकर्मी सब्जी का ठेला पलटता हुआ दिखाई दे रहा था. वीडियो के कारण इस पुलिसवाले की पहचान हुई और उसे निलंबित कर दिया गया. कई ऐसे वीडियो भी सामने आए जिनमें सड़कों पर पैदल जाते मजदूर दिखाई दे रहे थे. ऐसे वीडियो जब पुलिस तक पहुंचे तो पुलिस ने भूखे लोगों को खाना और पानी दिया. मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई.
कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक, बीएसपी से लेकर बीजेपी तक ऐसे वक्त में मजदूरों की सहायता कर रही हैं. बहुत सारी एनजीओ ऐसे लोगों की मदद कर रही हैं. पुलिस से लेकर पत्रकार तक ऐसे लोगों को अपने पैसों से खाना खिला रहे हैं. दुनिया इतनी भी बुरी नहीं है, हमें ये वैसी ही दिखती है जैसे इसे हमें हमारा सोशल मीडिया दिखाता है. हमें वही सच लगता है जो हमारे व्हाट्सएप पर आता है.
अब वक्त है व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से निकलिए. सच देखिए. अखबार पढ़िए, टीवी देखिए, भरोसे के लायक वेबसाइटें देखिए. यूट्यूब पर उन चैनलों को देखिए जो सच दिखाते हैं. अगर हमारे वीडियो आपको पसंद आते हों तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिए. हमारी पूरी कोशिश है कि आप तक हर कीमत पर केवल और केवल सच पहुंचे. हमारी पूरी कोशिश है कि वायरल खबरों की सच्चाई आप तक पहुंचे.